गर्दन दर्द एक सामान्य समस्या होती है जो कि कई कारणों से हो सकती है। इसका सबसे मुख्य कारण गर्दन को आगे की और झुका कर रखना होता है जैसा की हम मोबाइल और कम्प्यूटर को चलाते समय करते है इससे हमारी गर्दन पर अधिक दबाव पड़ता है और गर्दन दर्द होने लगता है।
कई गंभीर बीमारियां होने पर भी गर्दन दर्द एक लक्षण की तरह दिखाई देता है तो लंबे समय तक गर्दन दर्द होने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
गर्दन में कई सारी मासल्स, लिगामेंट, नर्व, नसे होती है जो कि cervical vertebral bone के आस पास arrange होती है । इनके खीचने से भी गर्दन दर्द की समस्या होती है।
गर्दन दर्द के लक्षण- Neck pain symptoms in hindi
- गर्दन को एक पोजीशन में ज्यादा देर के लिए संभाल ना पाना
- गर्दन को सभी दिशाओ में घूमा ना पाना
- गर्दन में अत्यधिक खिंचाव आना
- सर दर्द होना
- चक्कर आना
- हाथो ने झंझनि आना
गर्दन दर्द के कारण – Neck pain cause in hindi
मासल्स में खिंचाव :
मासल्स के कई सारे ग्रुप गर्दन में पाए जाते है जिनसे हम गर्दन में कई सारी मूवमेंट करते है। किसी कारण से अगर मसल्स खिंच जाती है तो गर्दन में दर्द होता है।
जोड़ में समस्या:
गर्दन में कई सारे जोड़ रीढ़ की हड्डियों के बीच present होते है जिनमे कारटीलेज , डिस्क, लिगामेंट होते है इन मे प्रॉब्लम होने पर गर्दन दर्द होने लगता है।
नर्व कम्प्रेशन:
कई सारी नर्व गर्दन से निकल कर हाथों में जाति है जिनके ऊपर कई सारी मासल्स पाई जाती है और कई बार ये नर्व दबने की वजह से गर्दन में दर्द होता है
चोट :
किसी कारण से अगर गर्दन में चोट लगती है तो उससे भी गर्दन में दर्द बना रह सकता है
अन्य बीमारियां:
- मैनिंजाइटिस
- PIVD NECK
- रह्युमेटोइड अर्थराइटिस
- सिरीनक्स
- फ़िब्रोमयलगिया
हार्ट अटैक:
हार्ट अटैक में इसके अन्य लक्षणो के साथ साथ गर्दन में दर्द भी होता है
डॉक्टर को कब दिखाए- when to see doctor
- गर्दन में किसी जगह उभार महसूस होना
- फीवर
- सूजन
- हाथो में झंझनि
- चक्कर आना
- उल्टी जैसा लगना
- दर्द का हाथों में नीचे की और जाना
- सुन्नपन महसूस होना
- हाथोंजे कुछ पकड ना पाना
गर्दन दर्द से बचाव- prevention of neck PAIN
गर्दन दर्द के अधिकतर मामले गलत पोस्चर की वजह से होते है
बैठने और लेटने के सही तरीके को अपना कर बचाव किया जा सकता है
अच्छा पोस्चर अपनाए: जैसा की पहले भी discuss कीआ गया है कि गर्दन दर्द का मुुख्य कारण गलत पोस्चर होता है तो आप अच्छा पोस्चर मेन्टेन कर के gardan dard se bach sakte hai
समय समय पर ब्रेक ले
अगर आप लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते है या एक जगह बैठ के काम करते है तो हर 1 घंटे में अपने पोजीशन को बदले और ब्रेक ले
बैठक को एडजस्ट करे
जिस जगह आप काम करते है वहां की कुर्सी टेबल और कार्य को इस प्रकार arrange करे की गर्दन और ज्यादा दबाव ना आए
सिगरेट को बंद करे
सिगरेट का सेवन करने से मासल्स में कमजोरी आती है तो इसे आज ही बंद करे
तनाव कम करे
यदि आओ हर छोटी छोटी बात का तनाव लेते है तो ये आपके गर्दन दर्द का कारण हो सकता है। तनाव को कम करने के लिए योगासन करे
तकिया बदले
अगर आप सोते समय बहोत मोटा तकिया इस्तेमाल करते है तो इसे बदले मोठे तकिए की जगह छोटा तकिया इस्तेमाल करे
भारी बैग का यूज़ ना करे
काम का बैग या कॉलेज बैग भारी होने पर कंधो पर अधिक दबाव पड़ता है जिससे गर्दन दर्द होता है इसलिए बैग में सिर्फ ज़रूरी समान ही रखे
गर्दन दर्द की जांच – Neck pain investigation in hindi
फिजिकल जांच
गर्दन की मसल्स को फिजिकली चेक करके पता लगाया जाता है की किस कारण गर्दन में दर्द हो रहा है
X-RAY
गर्दन का x-Ray करने पर गर्दन की रीढ़ की हड्डी की स्थिति पता चलती है जिससे कारण का पता चलता है
MRI
MRI के माध्यम से cevical disc और nerve की पोजीशन का पता chalta है कि कही किसी प्रकार की नस तो नही दब रही है
एलेक्ट्रोमायोग्राफी
मसल्स और नर्व की चाल को पता करने के लिए एलेक्ट्रोमायोग्राफी का टेस्ट किआ जाता है जिसकी रिपोर्ट के आधार पर इलाज करने में आसानी होती है
ब्लड टेस्ट
Ankylosing स्पॉन्डिलाइटिस और RA का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट की आवश्यकता होती है
गर्दन दर्द का इलाज – Neck pain trearment in hindi
मेडिसिन
दर्द निवारक मेडिसिन, मसल्स रिलैक्स की मेडिसिन, नसों में ताकत देने वाली मेडिसिन, स्टेरॉइड मेडिसिन की मदद से गर्दन के दर्द को कम किआ जा सकता है
फिजियोथेरेपी
फिजियोथेरेपी में कई प्रकार की मशीन और कसरत का यूज़ करके गर्दन के दर्द का इलाज किआ जाता है
- SWD: यह एक प्रकार की सिकाई की मशीन होती है जिसके द्वारा गर्दन के हिस्से में सिकाई की जाती है और नसे नरम होती है
- TENS: TRANS CUTANEOUS ELECTRICAL NERVE STIMULATION एक प्रकार का माइक्रो करंट होता है जिससे दर्द में कमी आती है
- IFT : यह भी एक प्रकार का माइक्रो करंट होता है जो की दर्द और सूजन दोनों को कम करता है
- CERVICAL TRACTION: इस ट्रीटमेंट में गर्दन पर हलका हलका खिंचाव दिया जाता है जिससे मांसपेशियों सुर डिस्क नार्मल होती हैं
- अल्ट्रासोनिक थेरापी: इस इलाज में कड़क मांसपेशियों पर अल्ट्रासाउंड मशीन का उपयोग करके उसे लूज़ किआ जाता है
- कसरत: विशेष प्रकार की कसरत करके गर्दन दर्द से पूर्ण आराम पाया जा सकता है जैसे 1.range of motion exercise 2. Static सर्वाइकल exercise 3.neck muscle streching exercise
एक्यूपंक्चर :
इस इलाज में कुछ विशेष बिन्दुओ पर एक्यूपंक्चर नीडल लगाने से आराम मिलता है
और नसे भी प्रॉपर काम करने लगती है
इंजेक्शन:
सर्वाइकल स्पाइन में स्टेरॉयड का इंजेक्शन लगाया जाता है जिससे गर्दन दर्द की समस्या में काफी आराम मिलता है
और जानकारी के लिए यह वीडियो देखें